वर्क फ्रॉम होम के दौरान ऐसे रखें अपने इम्यून सिस्टम का ख्याल
                                
                                    स्वस्थ रहने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल (जीवनशैली) को अपनाने की जरूरत है| इम्यून
                                    सिस्टम कोरोना वायरस महामारी ने विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन को पूरी तरह से
                                    बाधित कर दिया है। ऑफिसों (कार्यालयों) को बंद कर दिया गया है और लोगों को घर से काम
                                    करने (वर्क फ्रॉम होम) के निर्देश दिये गये हैं, ऐसा पहली बार हुआ है। हालांकि टेलीकम्यूटिंग
                                    (घर से काम करने) के अपने फायदे हैं, अगर आपने अपने आहार और शारीरिक गतिविधि पर ध्यान
                                    नहीं दिया तो यह आपके स्वास्थ्य और इम्यूनिटी सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।
                                
                                
                                    स्वस्थ रहने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल (जीवनशैली) को अपनाने की जरूरत है। जब
                                    आप पर्यावरणीय गतिरोध से खुद को बचाते हैं तब आपका इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से
                                    काम करता है। धूम्रपान (स्मोक) न करें और ऐसा आहार लें जो अनाज (होल ग्रेन), फलों
                                    और सब्जियों से भरपूर हो। यदि आप शराब पीते हैं, तो इसे मॉडरेशन (कम मात्रा) में लें,
                                    सुनिश्चित करें कि आप हर रात कम से कम आठ घंटे की नींद ले रहे हैं। संक्रमण से बचने
                                    के लिए, अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह और बार-बार धोएं। कोरोना वायरस त्वचा में
                                    प्रवेश नहीं कर सकता क्योंकि बाहरी परत थोड़ी एसिडिक (अम्लीय) होती है और यह पैथोजन
                                    (रोगजनकों) को आपके शरीर में प्रवेश करने से रोकती है। साबुन प्रभावी है क्योंकि यह
                                    वायरस के आवरण को त्वचा के बाहरी परत में ही खोल देता है, जिससे इसका प्रभाव कम हो
                                    जाता है। साबुन के मॉलीक्यूल्स (अणु) वायरस को फंसा लेते हैं, जो पानी से धुल जाता
                                    है।
                                
                                
                                    अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें
                                
                                
                                    हालांकि, इसके सबूत मिले हैं कि सूक्ष्म पोषक तत्वों (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स) की कमी
                                    - सेलेनियम, जिंक, कॉपर, ऑयरन, फॉलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी और
                                    विटामिन ई की कमी से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में परिवर्तन होता है। यदि आपका आहार आपके
                                    सभी सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा नहीं करता है और आपको अपने व्यस्त कार्यक्रम
                                    के कारण इसे ओवरहाल (मरम्मत) करना मुश्किल लगता है, तो अपने आहार में मिनरल (खनिज)
                                    या मल्टीविटामिन सप्लीमेंट को शामिल करें। चूंकि महामारी के कारण एलोपैथिक चिकित्सकों
                                    के यहां भीड़ है, ऐसे में सही खुराक जानने के लिए किसी लाइसेंस प्राप्त नैचुरोपैथ (प्राकृतिक
                                    चिकित्सक) के पास जाएं।
                                
                                
                                    अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए योग करें
                                
                                    प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है। यदि आपकी
                                    रोजाना व्यायाम करने की आदत है, लेकिन प्रतिबंध के कारण ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो
                                    योग सही उपाय है। यह इनडोर एक्सरसाइज (घर के अंदर व्यायाम) न केवल शरीर को फ्लेक्सिबल
                                    (लचीला) बनाता है, साथ ही यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाये रखने में भी मदद करता
                                    है। आइए हम कुछ ऐसे पोज़ (योगासन) के बारे में बताते हैं जो विशेष रूप से फायदेमंद
                                    हैं:
                                
                                
                                    सुखासन और प्राणायाम - सरल दृष्टिकोण अक्सर सबसे अधिक प्रभावी होता
                                    है। गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर को आराम करने वाले आसन को करने से तनाव के लिए जम्मेदार
                                    हार्मोन का स्राव कम करने में मदद मिल सकती है, इससे हृदय गति कम होती और यह आपके नर्वस
                                    सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
                                
                                
                                    अर्ध मत्स्येन्द्रासन - रीढ़ की हड्डी को मोड़ने से न केवल आपकी रीढ़
                                    की हड्डी को डीकम्प्रेस (दबाव हटाने) करने और पोषण करने में मदद मिलती है, साथ ही
                                    यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली सहित शरीर के आंतरिक कार्यों में भी सुधार करता है। गलत
                                    पाचन शरीर में विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिंस) के निर्माण का कारण बनता है, जिससे मोटापा
                                    या संक्रमण होता है। रीढ़ की हड्डी से जुड़े आसन को करने से पेट का मोटापा कम होता
                                    है, लचीलापन बढ़ता है और पाचन संबंधी समस्या दूर होती है।
                                
                                
                                    मत्स्यासन - जब आप आलस महसूस करते हैं तब मछली का पोज ( फिश पोज )
                                    आपके एनर्जी (ऊर्जा) के स्तर को बढ़ाता है, यह आपके फेफड़ों को मजबूत बनाता है ब्लड
                                    की क्लॉटिंग बनने से रोकता है। यह आपके पेट के अंगों को भी उत्तेजित करता है, आपके
                                    हिप फ्लेक्सर्स (कूल्हे के अंकुचन) और आपके रिब्स (पसलियों) के बीच की मांसपेशियों
                                    को फैलाता है।
                                
                                
                                    उत्तानासन - आगे की तरफ साइनस में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और
                                    रक्त के जमाव को कम करने में मदद करता है। साइनस और म्यूकस मेंब्रेन (बलगम झिल्ली)
                                    संक्रमण के खिलाफ आपके शरीर की रक्षा की पहली दीवार है, और उन्हें स्वस्थ रखने से प्रतिरक्षा
                                    प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यदि आप संकुचन का अनुभव कर रहे
                                    हैं, तो वह गंभीर है, यह आसन साइनस बेहतर करने में मदद कर सकता है।
                                
                                
                                    यह सलाह दी जाती है कि आप इन योगासनों का अभ्यास किसी योग्य योग शिक्षक के मार्गदर्शन
                                    में करें जब तक आप उन्हें अच्छी तरह से सीख नहीं जाते हैं। हालांकि घर पर आप YouTube
                                    पर भरोसेमंद योग चैनल देख सकते हैं। हेल्दी (स्वस्थ) रहने के लिए रोजाना इनका अभ्यास
                                    करें।
                                Back to Blog