किशोर और COVID-19: चुनौतियां और अवसर
                                
                                    COVID-19 महामारी के दौरान उदास, निराश, परेशान या गुस्से में महसूस करने वाले किशोर
                                    को अधिक सपोर्ट की आवश्यकता है | COVID-19 के संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए पूरी
                                    दुनिया में लॉक डाउन है। सोशल डिस्टेंसिंग में रहने के लिए मजबूर टीनएजर्स काफी परेशान
                                    हैं । उन्हें बहुत अकेलापन महसूस हो रहा है क्योंकि उनकी बहुत सी गतिविधियां जैसे कि
                                    खेल , दोस्तों के साथ घूमना फिरना, मौज मस्ती, इवेंट्स सभी कुछ कैंसिल हो चुके हैं।
                                    किशोरों के लिए यह काफी मुश्किल समय है। मैं लाई हूं आपके लिए कुछ आसान से उपाय जिनको
                                    अपनाकर आप अपने टीनएजर्स के अकेलेपन को दूर भी कर सकते हैं और अपने संबंधों को मजबूत
                                    भी।
                                
                                
                                    एक शेडूल बनाएं
                                
                                
                                    सबसे पहले आप अपने किशोर बच्चे के लिए एक निश्चित शेडूल बनाएं उसके सोने का जागने का
                                    शारीरिक व्यायाम ब्रेकफास्ट जैसी सभी गतिविधियों के लिए एक सेट टाइम रखें जैसा कि वह
                                    स्कूल के दिनों में करता था थोड़ा बहुत समय इधर उधर होना नॉर्मल है इसके लिए परेशान
                                    ना हो जैसे स्कूल के समय आपके किशोर को अपना मोबाइल स्माल करने की अनुमति नहीं होती
                                    थी उसी प्रकार उसके इस शेड्यूल में भी मोबाइल उससे दूर रखें। मोबाइल के साथ-साथ अन्य
                                    गैजेट्स भी इस समय टीनएजर बच्चे को प्रयोग करने ना दे। बीच में 15 से 20 मिनट का ब्रेक
                                    भी दें।
                                
                                
                                    डिनर टाइम बेस्ट टाइम
                                
                                
                                    डिनर टाइम में घर के सभी सदस्य एक साथ डाइनिंग टेबल पर इंजॉय करें ऐसे में अपने टीनएजर
                                    बच्चे को प्रोत्साहित करें कि उसने इमानदारी के साथ शेड्यूल फॉलो किया कुछ अपनी सुनाएं
                                    कुछ बच्चे की सुने।
                                
                                
                                    स्पेस भी है जरूरी
                                
                                    कुछ वक्त बच्चे को सिर्फ अपने गैजेट्स या दोस्तों के साथ ऑनलाइन बिताने दे थोड़ी स्पेस
                                    भी हर रिश्ते में जरूरी होती है बच्चा भी थोड़ी सी पर्सनल स्पेस चाहता है।क्रिएट ए
                                    टाइम म्यूजिक टाइम हैंग आउट टाइम विद फ्रेंड्स बहुत जरूरी है इस आइसोलेशन पीरियड में।
                                
                                
                                    ओपनली बच्चे से बात करें
                                
                                    बिना कुछ छुपाय इमानदारी के साथ अपने समझदार होते बच्चे को बताएं ,कोविड-19 क्या है
                                    और इसके संभावित खतरे क्या-क्या हैं? किस तरह से फैलता है और क्या-क्या सावधानियां
                                    बरतनी चाहिए? क्यों बार बार हाथ धोने की सलाह दी जाती है आदि।भले ही आपका बच्चा किशोर
                                    हो गया हो लेकिन उसे आपके दोस्ताना व्यवहार की बहुत जरूरत है जरूरी नहीं कि उसे सोशल
                                    मीडिया से सारी जानकारी सही मिल रही हो।
                                
                                    किशोर बच्चे से जानकारी लें
                                
                                    पिछले दिनों देशभर में #boyslockerroom काफी सुर्ख़ियों में रहा। दरअसल, सोशल मीडिया
                                    पर चल रहे इस ग्रुप में कई टीनएज लड़के जुड़े थे, जो महिलाओं से जुड़े अश्लील फोटो-वीडियो
                                    एक दूसरे से साझा करते थे। बतौर पेरेंट्स, यह खबर आपके लिए भी अलर्ट होने का एक अच्छा
                                    मौक़ा है। लॉकडाउन के इस दौर में बच्चों का साथी मोबाइल फ़ोन ही है और अधिकांश बच्चे
                                    पूरे समय इसी में व्यतीत करते हैं, यानी ऑनलाइन रहते हैं। ऐसे में यह जानना और भी ज़रूरी
                                    हो जाता है कि कहीं वह किसी गलत संगत में तो नहीं। जिनकी मदद से आप यह सुनिश्चित कर
                                    सकेंगे कि बच्चे ऑनलाइन माध्यमों का गलत उपयोग ना करें।
                                
                                    एक्टिविटी पर नज़र रखें
                                
                                
                                    सबसे पहला काम जो आपको करना है, वह है बच्चों की एक्टिविटी पर बारीकी से नज़र रखना।
                                    जी हां, सबसे पहले तो आप यह चेक करें कि पिछले कुछ समय में बच्चे की एक्टिविटी में
                                    कोई बड़ा फर्क तो देखने को नहीं मिला ? मसलन - चिढ़चिढ़ा होना, ऑनलाइन रहने की टाइमिंग
                                    में बदलाव (जैसे देर रात तक ऑनलाइन रहना), पहले की तुलना में अधिक समय ऑनलाइन रहना,
                                    सबसे घुलना-मिलना कम कर देना आदि। यदि ऐसा कोई भी असामान्य लक्षण आपको बच्चे में दिखाई
                                    दे तो तत्काल अलर्ट हो जाएं।
                                
                                
                                    टेक्नोलॉजी की मदद लें
                                
                                
                                    बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं ? कौन सी साइट्स और सब्जेक्ट्स पर उनका सबसे ज्यादा ध्यान
                                    है ? यह आपको भी पता होना चाहिए। ऐसे ढ़ेरों एप्स इनदिनों गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध
                                    हैं, जिनकी मदद से बड़ी ही आसानी से आप बच्चों का फ़ोन अपने फ़ोन से सिंक कर सकते हैं।
                                    इससे आपको रियल टाइम में यह जानकारी रहेगी कि बच्चा ऑनलाइन होकर क्या कर रहा है। यहां
                                    आपको बता दें कि इन एप्स को इस्तेमाल करना सुरक्षित है और बच्चों की भी यह पता नहीं
                                    चल पाएगा कि आप उनकी एक्टिविटी पर नज़र रख रहे हैं।
                                
                                
                                    खुलकर बात करें
                                
                                
                                    टीनएज उम्र एक ऐसा समय होता है जब पैर फिसलते देर नहीं लगती। पबजी जैसे गेम्स, पोर्न
                                    की लतें इस उम्र में बच्चों का जीवन बर्बाद कर सकती हैं और उन्हें उनके लक्ष्यों से
                                    भटका सकती हैं। ऐसे में बच्चों के साथ दोस्तों की तरह पेश आना सबसे कारगर उपाय है।
                                    कोशिश करें कि बच्चों और आपके बीच किसी भी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप निर्मित ना हो,
                                    बेहतर होगा कि इस मुद्दे पर आप अपने बच्चों से खुलकर बात करें। उन्हें उनकी जिम्मेदारी
                                    समझाएं और सही-गलत की जानकारी भी दें। ऐसा करने में यदि आप सफल हो जाते हैं तो निश्चित
                                    मानिए कि ना सिर्फ आप दोनों के बीच बॉन्डिंग मजबूत होगी बल्कि बच्चे भी ऐसी किसी बुरी
                                    आदत में नहीं पड़ेंगे।
                                
                                
                                    समय निश्चित करें
                                
                                    चूंकि देश भर में लॉकडाउन है, ऐसे में अधिकांश क्लासेज ऑनलाइन ही चल रही हैं। हालांकि,
                                    पढ़ाई के अलावा भी बच्चा यदि अधिकांश समय ऑनलाइन ही रहता है तो आपको थोड़ा सतर्क होना
                                    पड़ेगा। बेहतर होगा कि आप बच्चों के ऑनलाइन रहने का एक समय निश्चित करें और बाकी बचे
                                    समय में उन्हें अच्छी बुक्स या किसी अन्य स्किल्स को सीखने के लिए कहें। उनसे घर के
                                    छोटे-मोटे काम भी करवाएं जिससे उनकी ऑनलाइन दूरी भी बनेगी।
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