खेलने कूदने की उम्र , दूसरे बच्चों को पीछे छोड़ने की होड़ और दुनिया की आपाधापी से
                                    बेखबर एक ऐसा समय जब बच्चे की एक अलग ही दुनिया होती है। जी हां बात हो रही है मासूम
                                    बचपन की और उन मासूम बच्चों की जिनकी दुनिया में ढेर सारी मस्ती होती है ,खेलने कूदने
                                    की बातें होती हैं और इन सबसे परे होती है उन बच्चों की फिजिकल एक्टिविटीज जो उन्हें
                                    हर उम्र के लोगों से जुदा बनाती हैं।
                                
                                
                                    आज देश की स्थिति कोरोना की वजह से बेहद चिंताजनक हो गई है। जिसका असर बच्चों की हेल्थ
                                    के साथ उनके मासूम मन में भी पड़ रहा है। दिनभर स्कूल और एक्टिविटीज से रूबरू होते हुए
                                    बच्चे और शाम को सोसाइटी के पार्क की रौनक बढ़ाने वाले मासूमियत के प्रतिरूप छोटे से
                                    बच्चे जो कोरोना की वजह से होने लॉकडाउन की वजह में घर पर बंध कर रह गए हैं। घर से
                                    बाहर निकल कर खेलने जाना तो दूर वो अपने पैरेंट्स के साथ भी कहीं बाहर नहीं निकल सकते
                                    क्योंकि इससे उनके ही स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में पैरेंट्स के
                                    लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय यह है कि बच्चों को ऐसी कौन सी एक्टिविटीज में बिजी
                                    रखा जाए कि उनकी मनो स्थिति पर खराब असर भी न पड़े और वो लॉकडाउन के इस समय को घर पर
                                    ही एन्जॉय कर सकें। आइए आपको बताते हैं बच्चों के लिए ऐसी कुछ एक्टिविटीज जिसमें बच्चों
                                    को पूरी तरह से व्यस्त रखा जा सकता है-
                                
                                
                                    आर्ट एंड क्राफ्ट एक्टिविटीज
                                
                                
                                    आमतौर पर बच्चों के स्कूल की पढ़ाई और स्कूल का काम ही इतना ज्यादा हो जाता है कि वो
                                    किसी तरह की क्राफ्ट एक्टिविटी में इन्वॉल्व नहीं हो पाते हैं। बच्चों को ऐसे समय में
                                    क्राफ्ट एक्टिविटीज सिखाएं जैसे पेपर क्राफ्ट , बलून आर्ट , पेंटिंग सिखाना आदि। घर
                                    पर बच्चों को कोई क्रिएटिव पेंटिंग बनाने के लिए कहें। घर में रखे गमलों को अलग-अलग
                                    कलर्स से पेंट करवाएं।
                                
                                
                                    साथ में खेलें गेम्स
                                
                                
                                    आमतौर पर बच्चे अपने पैरेंट्स का अटेंशन पाने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक रहते हैं।
                                    आप भले ही बच्चों को पार्क में नहीं भेज सकते हैं लेकिन उनके साथ घर में ही गेम्स खेल
                                    सकते हैं। बच्चों के साथ इंडोर गेम्स खेलें ,जैसे कैरम , लूडो और चैस खेल सकते हैं।
                                    यदि बच्चे छोटे हैं तो उनके साथ उनके लेवल के गेम्स खेल सकते हैं। इस समय को परेशानी
                                    का समय न बनाकर बच्चों के साथ बिताने वाला बेस्ट टाइम बनाएं।
                                
                                
                                    क्विज एक्टिविटीज करें
                                
                                
                                    घर में यदि एक से ज्यादा बच्चे हैं तो उनके बीच में क्विज कम्पटीशन रखें जिसके ज्यादा
                                    उत्तर सही हों उन्हें कोई छोटा सा गिफ्ट दें। बच्चों से उनके लेवल के और जनरल नॉलेज
                                    के प्रश्न पूछें। बच्चे भले ही छोटे क्यों न हों फिर भी उन्हें देश दुनिया की बेसिक
                                    जानकारी होनी चाहिए जैसे राष्ट्रपति , प्रधनमंत्री कौन हैं। इसके अलावा साइंस सम्बन्धी
                                    प्रश्न भी पूछें।
                                
                                
                                    पढ़ाई का रिविज़न भी है जरूरी
                                
                                
                                    बच्चों के लिए जितने गेम्स जरूरी हैं उतनी ही पढ़ाई भी जरूरी है इसलिए उनके पुराने कोर्स
                                    का रिवीज़न करवाने के अलावा उनको नए क्लास की तैयारी भी करवाएं जिससे वो अपने नए सेलेबस
                                    के बारे में पहले से ही तैयार हो सकें।
                                
                                
                                    स्टोरी टेलिंग एक्टिविटी
                                
                                
                                    च्चों के साथ स्टोरी टेलिंग एक्टिविटी करें। इसमें उनसे अच्छी कहानियां सुनने के साथ
                                    अपनी भी कहानियां सुनाएं। कोशिश करें कि कहानियां प्रेरणाप्रद हों या किसी मोटिवेशनल
                                    इंसिडेंट से जुडी हुई हों। इससे बच्चों में क्रिएटिविटी डेवलप होती है।
                                
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